राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मैसूर में एआईआईएसएच के हीरक जयंती समारोह में की शिरकत, संस्थान के योगदान की सराहना

वर्ष 1965 में स्थापित एआईआईएसएच, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय है। यह संस्थान संचार विकारों के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, नैदानिक सेवाओं, प्रशिक्षण, अनुसंधान और जन शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है।

President Murmu Attends AIISH's Diamond Jubilee in Mysuru, Hails Institute's Work
President Murmu Attends AIISH's Diamond Jubilee in Mysuru, Hails Institute's Work

मैसूर: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कल कर्नाटक के मैसूर स्थित अखिल भारतीय वाणी और श्रवण संस्थान (एआईआईएसएच) के हीरक जयंती समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री श्री दिनेश गुंडू राव और मैसूर के सांसद श्री यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा, चिकित्सा और वाणी व श्रवण अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इस प्रतिष्ठित संस्थान के हीरक जयंती समारोह में शामिल होना उनके लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। उन्होंने संचार विकारों के निदान और उपचार में बहुमूल्य योगदान के लिए संस्थान के सभी पूर्व और वर्तमान निदेशकों, संकाय सदस्यों, प्रशासकों और छात्रों को बधाई दी।

वर्ष 1965 में स्थापित एआईआईएसएच, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय है। यह संस्थान संचार विकारों के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, नैदानिक सेवाओं, प्रशिक्षण, अनुसंधान और जन शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। एआईआईएसएच न केवल डिप्लोमा से लेकर पोस्टडॉक्टरल फेलोशिप तक के पाठ्यक्रम प्रदान करता है, बल्कि वाणी और श्रवण विकारों के निदान, उपचार और पुनर्वास सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।

दक्षिण पूर्व एशिया में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त यह संस्थान संचार विकारों से पीड़ित रोगियों और उनके परिवारों को व्यापक सहायता प्रदान कर रहा है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव सुश्री वी. हेकेली झिमोमी, भारत सरकार और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, संकाय सदस्य और छात्र भी शामिल हुए।

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