प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस को लेकर विवादित कार्टून बनाने के चलते एफआईआर का सामना कर रहे इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम ज़मानत मिल गई है।
मालवीय को यह राहत फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफीनामा जारी करने के बाद मिली है। हालांकि, हेमंत मालवीय के खिलाफ मामला अभी जारी रहेगा। कोर्ट ने ज़मानत की शर्त के तौर पर मालवीय को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
क्या था हेमंत मालवीय पर आरोप?
कोविड वैक्सीन की उपयोगिता पर सवाल उठाने वाला यह अभद्र कार्टून हेमंत मालवीय ने 2021 में बनाया था। इस कार्टून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस को आपत्तिजनक तरीके से दिखाया गया था।
2025 में एक फेसबुक यूजर ने अपनी पोस्ट में इस कार्टून को आपत्तिजनक कमेंट के साथ दोबारा इस्तेमाल किया। इसके बाद इंदौर के आरएसएस कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी ने लसूड़िया पुलिस थाने में मई 2025 में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
HC से नहीं मिली थी राहत
इससे पहले मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने जून 2025 में हेमंत मालवीय की अग्रिम ज़मानत अर्जी खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि मालवीय ने भगवान शिव पर अनुचित टिप्पणी और पीएम-आरएसएस पर अभद्र कार्टून बनाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है और कैरिकेचर बनाते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद मालवीय ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
