गृह मंत्री अमित शाह ने ‘आपदा प्रबंधन एवं क्षमता निर्माण’ पर संसदीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की

अमित शाह ने कहा कि आपदा मित्र योजना और युवा आपदा मित्र योजना के कार्यान्वयन के साथ, सरकार सामुदायिक स्तर पर क्षमता के विकास और आपदाओं के दौरान सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रही है।

Amit Shah Presides Over Parliamentary Panel Meeting on Disaster Management
Amit Shah Presides Over Parliamentary Panel Meeting on Disaster Management

नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘आपदा प्रबंधन एवं क्षमता निर्माण’ पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और बंडी संजय कुमार, समिति के सदस्य और केंद्रीय गृह सचिव के साथ-साथ गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), महानिदेशक (अग्निशमन सेवाएं, नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 से पहले आपदा प्रबंधन के प्रति राहत-केंद्रित अप्रोच थी, जिसे मोदी सरकार ने अप्रोच और स्ट्रेटेजी में बदलाव करते हुए बचाव केन्द्रित बनाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई बड़े नीतिगत और संस्थागत फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की डिजास्टर रिस्पॉन्स की नीति क्षमताओं का निर्माण, तीव्रता, दक्षता और सटीकता के चार पिलर्स पर आधारित है। इसके परिणामस्वरूप आपदाओं से काफी बचाव हुआ है, जहां 1999 में ओडिशा में आए महाचक्रवात में 10,000 लोगों की जान गई थी, जबकि गुजरात में 2023 के बिपरजॉय और 2024 में ओडिशा के दाना में हताहतों की शून्य रही। गृह मंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मोदी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप चक्रवातों के कारण होने वाले नुकसान में 98 प्रतिशत और heat wave के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। गृह मंत्री ने कई राज्यों में हाल की बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि बादल फटने की घटनाओं और भूस्खलन से निपटने के लिए रणनीति बनाई जा रही है।

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अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वित्तीय, संस्थागत और संरचनात्मक सशक्तिकरण के साथ ही मल्टी-डायमेंशनल अप्रोच को अपनाया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का फोकस आपदाओं से होने वाले नुकसान से लोगों को सुरक्षित रखने का है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 10-सूत्रीय एजेंडा के आधार पर 2024 में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक लाया गया था जिसे transparency, responsibility, efficiency और synergy के साथ बांधने का काम किया गया है। गृह मंत्री ने आपदा से बचाव के बारे में ज़िला और ग्राम पंचायत स्तर तक जागरूकता फैलाने की ज़रूरत पर बल दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2004 -2014 में SDRF और NDRF को 66 हज़ार करोड़ रूपए दिए गए थे, 2014-2024 के 10 वर्ष में इसे लगभग तीन गुना बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रूपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए SDRF के लिए 1,28,122 करोड़ रुपये और NDRF के लिए 54,770 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) के लिए 13,693 करोड़ रुपये और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) के लिए 32,031 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं।

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अमित शाह ने बताया कि आपदा से प्रभावित राज्यों में अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल (IMCT) भेजने की औसत 96 दिन से घटकर 8 दिन रह गई है और पिछले 10 वर्षों में 8 दिन की औसत के साथ राज्यों में 83 केन्द्रीय दल भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि NDMA ने तकनीक के उपयोग और नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण काम किया है, जबकि NDRF ने इसे बखूबी ज़मीन पर उतारा है। राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम न्यूनीकरण परियोजना (NCRMP) के अंतर्गत बहुद्देशीय चक्रवात आश्रयों का निर्माण किया गया और 92,995 सामुदायिक स्वयंसेवकों एवं सरकारी अधिकारियों को चक्रवात न्यूनीकरण का प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा, 5 तटीय राज्यों में पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ भी स्थापित की गईं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत निर्मित बुनियादी ढाँचा विभिन्न चक्रवातों के दौरान जान बचाने में अत्यंत उपयोगी साबित हुआ है।

अमित शाह ने कहा कि आपदा मित्र योजना और युवा आपदा मित्र योजना के कार्यान्वयन के साथ, सरकार सामुदायिक स्तर पर क्षमता के विकास और आपदाओं के दौरान सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रही है। आपदा मित्र योजना के अंतर्गत, विभिन्न आपदाओं के दौरान तत्काल प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिये 350 आपदा संभावित जिलों में एक लाख सामुदायिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है। सरकार ने राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 5000 करोड़ रुपये की एक योजना भी शुरू की है, जिसके अंतर्गत राज्यों को नए अग्निशमन केंद्रों की स्थापना, राज्य प्रशिक्षण केंद्रों के सुदृढ़ीकरण और क्षमता निर्माण आदि के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने यह भी बताया कि पहली बार राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर शमन कोष का गठन किया गया है। केंद्र सरकार ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) के लिए 13,693 करोड़ रुपये और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) के लिए 32,031 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं। NDMF के अंतर्गत 8072 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ अनेक शमन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने पूर्व चेतावनी के प्रसार में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और केंद्रीय जल आयोग (CWC) अब बाढ़ और चक्रवातों का 7 दिन पहले सटीक पूर्वानुमान देते हैं। लोगों तक अलर्ट पहुँचाने के लिये अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिये केंद्र सरकार ने SMS, तटीय सायरन आदि के माध्यम से पूरे देश में एकीकृत अलर्ट प्रणाली (CAP) पर आधारित एक ‘कॉमन अलर्टिंग प्रोटोकॉल’ लागू किया है। गृह मंत्री ने आपदाओं की अर्ली वार्निंग देने वाली ‘सचेत ऐप’ का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पर बल दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने बैठक में ‘आपदा प्रबंधन और क्षमता निर्माण’ जैसे महत्वपूर्ण विषय को उठाने और बहुमूल्य सुझाव देने के लिए समिति के सदस्यों का धन्यवाद किया। समिति के सदस्यों ने भी आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की सराहना की। गृह मंत्री ने कहा कि आपदाओं की सूचना से सम्बंधित ऐप, गाइडलाइन और 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को जारी आपदा फण्ड की जानकारी सभी सांसदों को भेजे जायेंगे।

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