प्रधानमंत्री मोदी का 79वां स्वतंत्रता दिवस भाषण: सरल शासन, आर्थिक सुधार और ‘विकसित भारत’ की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत संरचनात्मक, नियामक और नीतिगत सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है, और एक ऐसा राष्ट्र बना रहा है जहाँ शासन जनता के लिए काम करे, न कि जनता शासन के लिए।

PM Modi's 79th Independence Day Speech Focuses on Good Governance, Economic Reforms, and 'Viksit Bharat'
PM Modi's 79th Independence Day Speech Focuses on Good Governance, Economic Reforms, and 'Viksit Bharat'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए भारत की आत्मनिर्भरता, सुधार और भविष्य की योजना पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांस्फॉर्मेशन हुआ है, लेकिन अब और मजबूती के साथ आगे बढ़ने का समय है। प्रधानमंत्री ने आधुनिक, कुशल और नागरिक-अनुकूल शासन प्रणाली बनाने की प्रतिबद्धता जताई, जिसमें कानून, नियम और प्रक्रियाएँ सरल हों और हर भारतीय “विकसित भारत” के निर्माण में योगदान कर सके।

कानूनों और अनुपालन को सरल बनाना

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में, सरकार ने 40,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालनों को समाप्त किया है और 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को निरस्त किया है। उन्होंने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य नागरिकों के जीवन को आसान बनाना है, न कि केवल आर्थिक व्यवस्था को बेहतर करना।

उन्होंने कुछ प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला:

  • आयकर सुधारों और फेसलेस मूल्यांकन से प्रणाली को पारदर्शी और कुशल बनाया गया है।
  • 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर शून्य कर जैसी सुविधा दी गई है, जिसकी कुछ साल पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
  • भारतीय न्याय संहिता के साथ पुराने आपराधिक कानूनों को बदला गया है, जिससे न्याय प्रक्रिया सरल हुई है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत संरचनात्मक, नियामक और नीतिगत सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है, और एक ऐसा राष्ट्र बना रहा है जहाँ शासन जनता के लिए काम करे, न कि जनता शासन के लिए।

उद्यमियों और एमएसएमई को सशक्त बनाना

सरकार के सुधारों का लक्ष्य स्टार्टअप, एमएसएमई और उद्यमियों के लिए अनुपालन लागत को कम करना और कानूनी प्रावधानों के डर से मुक्ति दिलाना है। इससे व्यवसाय के लिए बेहतर वातावरण बनेगा, नवाचार और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

अगली पीढ़ी के सुधार और कार्य बल

प्रधानमंत्री ने अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक कार्य बल के गठन की घोषणा की, जो आर्थिक गतिविधियों से संबंधित कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करेगा। इसका उद्देश्य:

  • नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना
  • स्टार्टअप और एमएसएमई के लिए अनुपालन लागत कम करना
  • व्यवसाय करने में सुगमता सुनिश्चित करना

अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार

प्रधानमंत्री ने इस दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को पेश करने की घोषणा की। इसका उद्देश्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर करों को कम करना है। उन्होंने कहा कि यह सुधार आम आदमी के लिए “दिवाली का तोहफा” होगा।

भविष्य की परिकल्पना

अंत में, प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत को प्रगति की अपनी रेखा का विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में जब वैश्विक आर्थिक स्वार्थ बढ़ रहा है, भारत को अपनी क्षमताओं को मजबूत करने, अवसरों का विस्तार करने और अपने नागरिकों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ये सुधार भारत को एक अधिक लचीला, समावेशी और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

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