चंडीगढ़: पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 राज्य की राजनीति में बड़े विवाद का कारण बनती जा रही है। जहां एक ओर किसान संगठनों का विरोध लगातार बढ़ रहा है, वहीं अब आम आदमी पार्टी (AAP) के अंदर से भी इस नीति के खिलाफ बगावत के सुर उठने लगे हैं।
मोगा जिला योजना बोर्ड के अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला प्रधान हरमनदीप सिंह दीदारेवाला वाला नेवी ने इस नीति का विरोध करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान के पूर्व ओएसडी ओंकार सिंह सिद्धू ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पार्टी पर तीखा हमला किया है।
सिद्धू ने अपनी पोस्ट में लिखा,
“जो पार्टी खुद को किसानों की हितैषी कहती है और एमएसपी देने के वादे करके सरकार बनाती है, वही आम आदमी पार्टी अब किसानों की जमीनें छीनने वाली नीतियाँ बना रही है। यह बात भी स्पष्ट है कि यह नीति दिल्ली वालों ने अपने निजी फायदे के लिए बनाई है।”
“इतिहास गवाह है कि पंजाब के लोगों ने कभी भी दिल्ली की मनमर्जी को नहीं माना और ना ही अब मानेंगे। सुनाम में हुई रैली के दौरान केजरीवाल के भाषण के वक्त लोगों का उठकर चले जाना इस बात का सबूत है कि पंजाब की जनता दिल्ली की लीडरशिप से नाराज़ है।”
मैं पंजाब लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 का कड़े शब्दों में विरोध करता हूँ। यह सिर्फ किसानों की नहीं, पूरे पंजाब की लड़ाई है।
ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਹਿਤੈਸ਼ੀ ਕਹਾਉਣ ਵਾਲੀ ਪਾਰਟੀ ਜਿਹੜੀ ਕਿ MSP ਦੇਣ ਦੇ ਵਾਅਦੇ ਕਰਕੇ ਸਰਕਾਰ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ, ਉਹੀ ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ ਹੁਣ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀਆਂ ਜ਼ਮੀਨਾਂ ਨੂੰ ਖੋਹਣ ਦੀਆਂ ਨੀਤੀਆਂ ਘੜੀ ਬੈਠੀ ਹੈ । ਇਹ ਗੱਲ ਵੀ ਸਪਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਨੀਤੀ ਦਿੱਲੀ ਵਾਲਿਆਂ ਨੇ ਨਿੱਜੀ ਫਾਇਦਾ ਲੈਣ ਲਈ ਬਣਾਈ ਹੈ ।
— Onkar Singh Sidhu (@onkarsidhu) August 4, 2025
ਇਤਿਹਾਸ ਗਵਾਹ ਹੈ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਕਦੇ ਵੀ…
सबसे अहम बात भगवंत मान के चचेरे भाई ज्ञान सिंह मान ने भी इस पॉलिसी का विरोध किया।
उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“जिस प्रकार कुर्बानी विरोधी कानून को जनता की राय जानने के लिए समीक्षा हेतु स्थायी समिति के पास भेजा गया है, उसी प्रकार लैंड पूलिंग बिल को लागू करने के बारे में भी भूमि धारकों और किसानों की राय ली जानी चाहिए, ताकि गुरुओं और पीरों की धरती पंजाब निरंतर प्रगति और खुशहाली की ओर अग्रसर रहे और आबाद रहे।”
राज्य के लुधियाना, संगरूर, धुरी और अमृतसर जैसे कई जिलों में भी आप नेताओं ने इस नीति पर पुनर्विचार की मांग की है।
