राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड मुख्यालय का उद्घाटन: अमित शाह का ऐलान, 2030 तक 1 अरब डॉलर हल्दी निर्यात का लक्ष्य

अमित शाह ने कहा कि तेलंगाना में निज़ामाबाद, जग्तियाल, निर्मल और कामारेड्डी ज़िले भारत के शीर्ष हल्दी उत्पादक ज़िलों में शामिल हैं।

Amit Shah Inaugurates National Turmeric Board HQ, Sets $1 Billion Export Target by 2030
Amit Shah Inaugurates National Turmeric Board HQ, Sets $1 Billion Export Target by 2030

निज़ामाबाद, तेलंगाना: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज तेलंगाना के निज़ामाबाद में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के मुख्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला और खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी और केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री बंडी संजय कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर, विशेषकर तेलंगाना के हल्दी की खेती करने वाले करोड़ों किसानों की 40 साल पुरानी मांग को पूरा करते हुए राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देशभर के हल्दी की खेती करने वाले किसानों, विशेषकर तेलंगाना और निज़ामाबाद के साथ किया गया वायदा आज पूरा हो रहा है। श्री शाह ने बताया कि निज़ामाबाद कई दशकों से हल्दी की राजधानी के रूप में जाना जाता है और यहां के किसान सदियों से हल्दी उगा रहे हैं, लेकिन उसे वैश्विक बाज़ार नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने विश्वास जताया कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड बनने से 3-4 साल में ही निज़ामाबाद की हल्दी दुनिया के अधिकतर देशों में पहुंचेगी।

किसानों को बिचौलियों से आज़ादी और निर्यात को बढ़ावा

श्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के विधिवत रूप से काम शुरू करने के बाद हल्दी के किसानों को बिचौलियों से आज़ादी मिलेगी। राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड, हल्दी की पैकिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट का पूरा चैनल तैयार करेगा। उन्होंने हल्दी के औषधीय गुणों का उल्लेख करते हुए कहा कि हल्दी एंटी-वायरल, एंटी-कैंसर और एंटी-इन्फ्लेमेट्री है और औषधीय गुणों के कारण इसे दुनियाभर में वंडर ड्रग के रूप में जाना जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि अब ऑर्गेनिक हल्दी का जीआई टैग उत्पादन और जीआई टैग मार्केटिंग भी शुरू कर दी गई है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने 2030 तक एक बिलियन डॉलर मूल्य की हल्दी के निर्यात का लक्ष्य रखा है और इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड किसानों तक हल्दी की ज़्यादा से ज़्यादा कीमत पहुँचाने का काम करेगा। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में हल्दी की खपत को बढ़ाने और संभावित बाज़ारों में भारत की हल्दी के औषधीय गुणों का प्रचार-प्रसार भी करेगा। बोर्ड भारतीय हल्दी की गुणवत्ता और विश्वस्तरीय सुरक्षा मानकों के अनुसार पैकिंग की व्यवस्था और किसानों को खेत से किस प्रकार हल्दी निकालनी है, जिससे एक्सपोर्ट में कोई बाधा न आए, इसका प्रशिक्षण और कौशल विकास भी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि हल्दी के स्वास्थ्यवर्धक गुणों पर भी शोध और अनुसंधान कर इसे विश्व के सामने लाने का काम किया जाएगा।

तेलंगाना के किसानों को होगा सीधा लाभ

अमित शाह ने कहा कि तेलंगाना में निज़ामाबाद, जग्तियाल, निर्मल और कामारेड्डी ज़िले भारत के शीर्ष हल्दी उत्पादक ज़िलों में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 2025 में हल्दी के किसानों को हल्दी का ₹18,000 से ₹19,000 प्रति क्विंटल मूल्य मिला है और अगले 3 साल में किसानों को ₹6,000-₹7,000 ज़्यादा मूल्य मिल सके, इस प्रकार के प्रयास किए जाएंगे।

शाह ने कहा कि वर्ष 2023-24 में भारत में 3 लाख हेक्टेयर भूमि पर हल्दी की खेती हुई और 10 लाख 74 हज़ार टन हल्दी का उत्पादन हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक्सपोर्ट करने वाले किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL) और ऑर्गेनिक खेती करने वालों के लिए नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) की स्थापना की है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शासन में एक ऐसी संस्कृति विकसित की है जिसके तहत जो वायदा किया जाता है उसे पूरा किया जाता है, और इसी तर्ज पर 2023 में किया गया वायदा आज पूरा कर दिया गया है

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