नोएडा: महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच तेज कर दी है। एजेंसी अब जल्द ही जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी से पूछताछ करने की तैयारी में है। इन दोनों भाइयों पर बैंक से लोन लेकर गलत तरीके से पैसों का इस्तेमाल करने और शेयर बाजार में हेरफेर करने का आरोप है।
ईडी ने हाल ही में जेनसोल इंजीनियरिंग के 500,000 से अधिक शेयर फ्रीज कर दिए हैं। अनमोल जग्गी और पुनीत जग्गी इलेक्ट्रिक कैब सेवा (BLU) के को-फाउंडर भी हैं। एजेंसी के अनुसार, दोनों भाइयों ने 1,700 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए बैंक से 262 करोड़ रुपये का ग्रीन एनर्जी लोन लिया था, लेकिन आरोप है कि उन्होंने इस धन का दुरुपयोग किया। जांच में सामने आया है कि इस पैसे से महंगे बंगले, आलीशान गाड़ियां और यहां तक कि एक गोल्फ कोर्स भी बनवाया गया।
इन घोटालों के सामने आने के बाद, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सख्त कार्रवाई करते हुए अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी को बड़ी जिम्मेदारी वाले पदों पर रहने और शेयर बाजार में कारोबार करने से रोक दिया है। ईडी को यह भी संदेह है कि आर्टिफिशियल तरीके से शेयरों की कीमतों में हेरफेर की गई है।
जांच में यह भी पता चला है कि जेनसोल इंजीनियरिंग दुबई स्थित जेनिथ मल्टी ट्रेडिंग DMCC से जुड़ी हुई है। यह फर्म कथित तौर पर महादेव घोटाले के मुख्य आरोपी हरि शंकर टिबरेवाल से संबंधित है। ईडी के मुताबिक, बेटिंग प्लेटफॉर्म से जुटाए गए फंड को दुबई और मॉरीशस स्थित एफपीआई के माध्यम से भारत में लाया गया और शेयरधारकों को गुमराह किया गया।
ईडी ने इस मामले में पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में 150 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर जैसे शहर शामिल थे। इस कार्रवाई में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 3,002.47 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त और कुर्क की गई थी। महादेव ऐप के फाउंडर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल अभी भी इस मामले में फरार हैं। अब एजेंसी की निगाहें जग्गी ब्रदर्स पर टिकी हैं और उनसे पूछताछ इस मामले में कई नए खुलासे कर सकती है।
