हेग/नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नीदरलैंड्स में NOS न्यूज को दिए गए एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के दौरान पाकिस्तान की सेना ने सीधे भारत से संपर्क कर संघर्ष खत्म करने की अपील की थी।
जयशंकर ने कहा, “निश्चित रूप से अमेरिका और कुछ अन्य देश भारत-पाक के बीच जारी युद्ध को लेकर चिंतित थे, लेकिन इस मामले में अमेरिका अकेला नहीं था। कई देशों ने हमसे संपर्क किया और हमने सभी से स्पष्ट कहा कि अगर वे चाहते हैं कि युद्ध खत्म हो, तो पाकिस्तान को सीधे हमें यह कहना होगा।”
उन्होंने बताया कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत हुई, जिसके बाद तनाव खत्म हुआ। यह सीधी बातचीत ही उस कूटनीतिक प्रयास का परिणाम थी, जिसमें भारत ने स्पष्ट किया कि संवाद तभी संभव है जब पाकिस्तान सीधे संपर्क करे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा “भारत-पाक के बीच हजारों सालों से चला आ रहा संघर्ष” कहे जाने पर जयशंकर ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। 1947 में जब से दोनों देश आजाद हुए, तब से ही यह संघर्ष चला आ रहा है। आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि यह संघर्ष कितनी पुरानी बात है।”
कश्मीर मुद्दे पर जयशंकर ने दोटूक कहा, “हम पाकिस्तान से द्विपक्षीय तौर पर ही बात करेंगे। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसका एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है। अगर पाकिस्तान उसे वापस देने को तैयार हो, तभी बात हो सकती है।”
ट्रंप के व्यापार प्रस्ताव पर जयशंकर का जवाब
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सजगता का यह मतलब नहीं है कि यह उसकी आर्थिक प्रगति की राह में बाधा है।
उन्होंने कहा, “हर देश को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है। भारत भी वही कर रहा है। हमारी आर्थिक वृद्धि के पीछे मजबूत बुनियादी ढांचा है और हमें इस पर पूरा भरोसा है। हम आज आर्थिक रूप से मजबूती की दिशा में अग्रसर हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी किसी भी चुनौती का सामना करना हमारी आर्थिक गति को बाधित नहीं करेगा।”
Watch the conversation of Hon'ble External Affairs Minister @DrSJaishankar with the Dutch news organisation @nos on 20 May 2025 during his official visit to the Netherlands
— India in the Netherlands (@IndinNederlands) May 21, 2025
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